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Blogger पर कस्टम थीम कैसे लगाते हैं | अपने ब्लॉग को दें प्रोफेशनल लुक - जानें पूरी बात हिंदी में| हिंदी ब्लॉगिंग ट्यूटोरियल - #4

प्रिय पाठकों, आप सभी का हमारी वेबसाइट क्रेज़ी टिप्स मार्केट में स्वागत है। मेरा नाम है प्रशान्त और यहाँ हम आपके लिए लेकर आते हैं कम्प्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट से जुड़ी टिप्स, ट्रिक्स, ट्यूटोरियल और घर बैठे पैसे कमाने के उपाय। हम आपके लिए विशेष रूप से ब्लॉगिंग ट्यूटोरियल की कड़ी पेश कर रहे हैं जिसके पिछले पोस्ट में हमने बात की थी कि ब्लॉगर.कॉम के डैशबोर्ड में किस विकल्प का क्या इस्तेमाल है। आज की पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि ब्लॉगर.कॉम के डैशबोर्ड पर उपलब्ध ‘थीम’ विकल्प का उपयोग करके कैसे आप अपने ब्लॉग को बिलकुल आकर्षक और प्रोफेशनल लुक दे सकते हैं।

एक ब्लॉगर होने के नाते मैं समझता हूँ कि अगर आप ब्लॉगिंग करना चाहते हैं तो आपको अपने ब्लॉग के लुक और पेज सेटअप पर ध्यान जरूर देना चाहिए और इसे प्रोफेशनल लुक देने की कोशिश करनी चाहिए। यह एक बार का काम है जो थोड़ा वक्तखपाऊँ हो सकता है पर यदि आप यह कर लेते हैं तो इससे आपका ब्लॉग ज्यादा प्रेजेंटेबल हो सकता है जो कि अंततः आपके विज़िटर्स को बांधे रखने में आपकी मदद करता है।

दोस्तों, अपने ब्लॉग को प्रोफेशनल लुक देने के बारे में बताने वाला यह आर्टिक्ल लंबा होने के कारण मैंने इसे दो भागों में बांटा है। आज इस पोस्ट में आप जानेंगे कि अपने ब्लॉग को प्रोफेशनल लुक देने के लिए क्या जरूरी स्टेप्स होते हैं और आप इसे कैसे सरलता से कर सकते हैं। इस विषय के दूसरे पोस्ट में मेरा फोकस आपके सामने कुछ उदाहरण पेश करने पर होगा। मैं कुछ पुरानी और नयी थीम के नाम आपको बताऊँगा और उन्हें कैसे कस्टमाइज़ करना है ये भी आपको बताऊँगा।

पूरी जानकारी लेने के लिए कृपया इन दोनों पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

तो चलिए शुरू करते हैं।




टेबल ऑफ कंटेंट
1) अपने ब्लॉग को प्रोफेशनल लुक देना क्यों जरूरी है?
2) ब्लॉग के प्रोफेशनल लुक के लिए जरूरी चीज़ें क्या हैं?
3) सही थर्ड पार्टी कस्टम थीम का चुनाव फ्री में कैसे और कहाँ से करें?
4) कस्टम थीम चुनने से पहले ध्यान देने वाली कुछ जरूरी बातें।

अपने ब्लॉग को प्रोफेशनल लुक देना क्यों जरूरी है?


दोस्तों, अंग्रेजी की एक कहावत है कि “फर्स्ट इम्प्रेशन इज़ योर लास्ट इम्प्रेशन”। आपके ब्लॉग के साथ भी ऐसा ही होता है। अपने ब्लॉग के लुक पर काम करना आपके लिए जरूरी है क्योंकि इसका सीधा असर आपके विज़िटर्स पर पड़ता है। आपका ब्लॉग जितना व्यवस्थित और ईज़ी टू नैविगेट होगा, आपके विज़िटर्स इसे उतना ही पसंद करेंगे।

आपको यह ध्यान देना होगा कि आपके थीम के रंग ब्लॉग के विषय से मेल खाएं। उदाहरण के लिए एक धार्मिक ब्लॉग पर हल्के और मन को सुकून देने वाले रंगों का प्रयोग बेहतर होता है। आप यहां प्रायः सफेद, हल्का नीला, हल्का हरा आदि रंग प्रयोग कर सकते हैं। गेमिंग वाले ब्लॉग्स पर आप गहरे रंगों (काले, भूरे, मैरून, लाल आदि) का प्रयोग कर सकते हैं। पर आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि आपके ब्लॉग के रंग से पाठक के लिए आपके आर्टिकल्स को पढ़ने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। ब्लॉग के रंग आंखों को चुभने नहीं चाहिए।

आप रंगों का कॉम्बीनेशन भी प्रयोग कर सकते हैं। जैसे ब्लॉग के ऊपरी हिस्से में आप किसी रंग का प्रयोग कर सकते हैं और इसे ब्लॉग का मुख्य रंग बना सकते हैं। आपके ब्लॉग की सारी जरूरी चीजें, बटन, आदि इसी रंग की होंगी। बैकग्राउंड में सफेद या मुख्य रंग का ही बेहद हल्का शेड होगा और निचले हिस्से में गहरा रंग होगा।

आप जैसा ठीक समझें वैसा कर सकते हैं।

ब्लॉग के प्रोफेशनल लुक के लिए जरूरी चीजें क्या हैं? 

ब्लॉग का मुख्य रंग तय करने के बाद बारी आती है अन्य जरूरी चीजों की जिन्हें हम अभी एक-एक करके देखने और इनके बारे में विस्तार से समझने वाले हैं।

लेआउट

आपके ब्लॉग में चीजों को व्यवस्थित करने के लिए एक अच्छा यूज़र फ्रेंडली और ईज़ी टू नैविगेट लेआउट बनाने की जरूरत होती है। आपके ब्लॉग में कौन सी चीज़ कहाँ दिखेगी, किस विकल्प के बाद या नीचे कौन सा विकल्प होना चाहिए यह लेआउट का हिस्सा होता है। यह इतना सुलझा हुआ होना चाहिए कि आप इसमें अपने ब्लॉग की सारी चीजें फिट कर सकें और इतना सरल होना चाहिए कि आपके विज़िटर को किसी चीज़ को तलाशने में मशक्कत न करनी पड़े।

लेआउट के अंतर्गत यह तय किया जाता है कि ब्लॉग में मुख्यतः कितने कॉलम होंगे और किस कॉलम में क्या चीजें रहेंगी। यहाँ प्रायः ब्लॉग को दो या तीन कॉलम में बांटा जाता है। मुझे निजी तौर पर दो कॉलम वाले ब्लॉग लेआउट ज्यादा पसंद आते हैं। आप चाहें तो अपने ब्लॉग को तीन या उससे भी अधिक कॉलम में बाँट सकते हैं।

ब्लॉग लेआउट में सबसे ऊपर के हिस्से में हेडर बनाया जाता है जहाँ आपके ब्लॉग का नाम और एक या दो लाइन का डिसक्रिप्शन होता है इसके बाद का हिस्सा दो या तीन कॉलम में बांटा जा सकता है और आवश्यकतानुसार चीजें जोड़ी जा सकती हैं। आखिर में सबसे निचला हिस्सा फुटर के लिए होता है। इसे भी आप चाहें तो दो या तीन कॉलम में बाँट सकते हैं।

फॉन्ट

ब्लॉग के लुक को आकर्षक बनाने में फॉन्ट का भी काफी बड़ा रोल होता है। आप अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग फॉन्ट सेट कर सकते हैं। जैसे हेडर के लिए अलग फॉन्ट, पोस्ट के लिए अलग फॉन्ट, अलग-अलग हेडिंग्स के लिए अलग फॉन्ट, क्वोट्स के लिए अलग फॉन्ट आदि।

इस बारे में आपको ध्यान रखना होगा कि फॉन्ट आसानी से पठनीय होने चाहिए और साथ ही वे कॉमन फॉन्ट होने चाहिए न कि रेयर फॉन्ट। ऐसा इसलिए है ताकि यदि आप कोई ऐसा फॉन्ट चुन लें जो कि हर जगह सामान्यतः उपलब्ध न हो तो आपके ब्लॉग कंटेंट को अन्य डिवाइसेस में लोड होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

कैटेगरी बनाना

आपके ब्लॉग पर आये फर्स्ट टाइम विज़िटर को यह नहीं पता होता है कि आपके ब्लॉग का मुख्य विषय असल में क्या है। वह ये भी नहीं जानता है कि आप अपने इस ब्लॉग, जिसमें वो इस समय आया हुआ है, के माध्यम से क्या चीजें मुहैया कराते हैं। असल में आपका विज़िटर पूरी तरह से आपके बारे में अंजान रहता है। उसने सोशल मीडिया या गूगल सर्च के माध्यम से आपके ब्लॉग में प्रवेश लिया होता है और उसे आपके ब्लॉग के केवल उस पोस्ट के बारे में पता ही होता है जिसका लिंक उसे सोशल मीडिया या गूगल सर्च से मिला होता है।

आपके ब्लॉग में आने वाले ऐसे विज़िटर्स के लिए आपको कुछ खास करने की जरूरत है।

यदि आपने हमारा ब्लॉगिंग ट्यूटोरियल शुरू से पढ़ रखा है तो आपको ब्लॉगिंग निच के बारे में पता होगा। आपको ये भी पता होगा कि आप एक ही निच को कई भागों में बांट सकते हैं। आपको यहां बस यही करना है। आपको अपने ब्लॉग के विषय को कई छोटे-छोटे हिस्सों में बांटना है। उदाहरण के लिए - हमारे ब्लॉग में आप पाते हैं कम्प्यूटर, मोबाइल, सॉफ्टवेयर, ऐप्स, गेम्स और ब्लॉगिंग टिप्स। यहां आप देखेंगे कि इन सभी को आप अलग-अलग कैटेगरी में बांट सकते हैं। अब आप यहां एक चीज देख पा रहे हैं कि सॉफ्टवेयर और ऐप्स को कम्प्यूटर और मोबाइल के अंदर रखा जा सकता है। इसी प्रकार गेम्स को भी इन दोनों ही कैटेगरी में डाला जा सकता है।

आपको भी अपने ब्लॉग के विषय के आधार पर इसी प्रकार से कैटेगरी बनानी है। नये विज़िटर्स के लिए यह कैटेगरी मार्गदर्शन का काम करेगी। यह उसे बताएगी कि आपके ब्लॉग में क्या-क्या मौजूद हैं। कैटेगरी सेट करने होगा ये कि जब आप उस कैटेगरी पर कोई पोस्ट लिखेंगे तो आप उस पोस्ट पर उस कैटेगरी का लेबल या टैग लगा पाएंगे। इससे आपकी पोस्ट उस कैटेगरी में दिखाई देगी।

यह आपके ब्लॉग को एक व्यवस्थित लुक देगा। एक ही तरह की पोस्ट एक ही जगह पर सजी हुई मिलेंगी। इससे विज़िटर को भी आपके ब्लॉग में से अपने मतलब की पोस्ट खोजने में कम मशक्कत करनी होगी।

ड्रॉपडाउन मेनू लगाना

एक ब्लॉग पर कैटेगरी को दिखाने का सबसे कारगर तरीका है ड्रॉपडाउन मेनू लगाना। इससे आपके ब्लॉग में न केवल प्रोफेशनल लुक आता है बल्कि आपके द्वारा बनायी गयी सारी कैटेगरी विजिटर के लिए आसानी से एक्सेसेबल हो जाती है। जब आप ड्रॉपडाउन मेनू लगाते हैं तो वहां केवल कैटेगरी के नाम डाल देना काफी नहीं है बल्कि आपको यह भी करना होगा कि जब विजिटर किसी कैटेगरी पर क्लिक करे तो उससे संबंधित पोस्ट/पेज उसे दिखाई दे। इसके लिए आपके पास अपने ब्लॉग के लिए बनायी गयी सभी कैटेगरी और पेजेस की लिंक होना जरूरी है।

मैंडेटरी स्टैटिक पेजेस तैयार करना

पाँच पेज ऐसे हैं जो कि आपके ब्लॉग में होने ही चाहिए। ये पेज किसी भी वेबसाइट के लिए काफी जरूरी होते हैं। ये पेजेस हैं - एबाउट अस, प्राइवेसी पॉलिसी, टर्म्स एंड कंडीशन, साइटमैप और कॉन्टेक्ट अस। इन पेजेस में आपके ब्लॉग से संबंधित कई बातें लिखी जाती हैं जो आपके विज़िटर्स को ब्लॉग के बारे में विस्तार में बताते हैं। आइए इनके बारे में एक-एक करके जानते हैं।

एबाउट अस

एबाउट अस का पेज आपके विज़िटर्स को आपके ब्लॉग के बारे में बताता है। यहां आपको मुख्यतः यह लिखना होता है कि कब आपको इस ब्लॉग को शुरू करने का आइडिया आया और कब आपने इसे स्थापित किया, आप लोगों को किस प्रकार की सेवाएं देते हैं, आपके साथ ब्लॉग के लेखक/संपादक/एडमिन के रूप में अन्य लोग जुड़े हैं या ये आपका अकेले का काम है आदि-आदि।

आप चाहें तो इसे खुद से लिख सकते हैं या फिर आप इसके लिए गूगल पर ‘फ्री एबाउट अस जेनरेटर’ लिखकर सर्च कर सकते हैं। यहां आपको कई साइट मिल जाएंगी जहां आप अपने ब्लॉग का नाम, मुख्य विषय, निच, ब्लॉग की स्थापना का महीना और साल आदि डालकर एबाउट अस पेज का कंटेंट पा सकते हैं।

प्राइवेसी पॉलिसी

प्राइवेसी पॉलिसी पेज पर आपको मुख्यतः यह बताना होता है आपके ब्लॉग पर विज़िटर्स के किन सूचनाओं को सुरक्षित रखा जाता है और उनका क्या उपयोग किया जाता है। इसमें वेब कुकी, ऐड कुकी जैसी चीजें शामिल होती हैं। आपको यह भी बताना होता है कि इन सूचनाओं को आपके द्वारा कबतक रखा जाएगा और इनका कहां-कहां ट्रांसफर होगा।

इन सूचनाओं का ब्लॉग बंद करने या दूसरे को बेचने की स्थिति में क्या होगा, विशेष परिस्थिति में सरकारी एजेंसियों या कानून के समक्ष पेश करने संबंधी प्रावधान, बच्चों की निजता आदि का भी इस पेज पर उल्लेख होता है।

एबाउट अस पेज की तरह ही आप आसानी से गूगल में ‘फ्री प्राइवेसी पॉलिसी जेनरेटर’ लिखकर सर्च कर सकते हैं और वहां से इसका कंटेंट ले सकते हैं।

टर्म्स एंड कंडीशन्स

टर्म्स एंड कंडीशन्स पेज पर आपको मुख्यतः यह बताना होता है आपके ब्लॉग पर मौजूद सामग्री के इस्तेमाल की शर्तें क्या हैं। यहाँ आप यह लिखते हैं कि कौन आपके ब्लॉग से बिना आपकी पूर्व अनुमति के सामग्री ले सकता है और उसे अन्यत्र उपयोग कर सकता है। आपकी सामग्री को अन्य जगह प्रकाशित करने के लिए आपसे किस प्रकार पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए। आप यहां यह भी बताते हैं कि आप अपने ब्लॉग पर किन थर्ड पार्टी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं जैसे गूगल कुकी, ऐडसेंस, होस्टिंग आदि।

एबाउट अस पेज की तरह ही आप आसानी से गूगल में ‘फ्री टर्म्स एंड कंडीशन्स जेनरेटर’ लिखकर सर्च कर सकते हैं और वहां से इसका कंटेंट ले सकते हैं।

साइटमैप

साइटमैप एक तरह से आपके ब्लॉग में विजिटर्स के लिए मौजूद सामग्रियों की व्यवस्थित सूची होती है। इस एक पेज में आप अपने ब्लॉग में मौजूद तमाम अन्य पेज और पोस्ट के नाम/टाइटल के साथ लिंक उपलब्ध कर सकते हैं। यहां आपका विज़िटर आपके ब्लॉग में मौजूद पुराने से पुराने और नये से नये पोस्ट का लिंक पा सकता है।

आप चाहें तो इस पेज को मैन्युअली बना सकते हैं। इसमें जब भी आप कोई नयी पोस्ट डालेंगे तो आपको उसका लिंक उठाकर यहां उसके टाइटल के साथ पेस्ट करना होगा। शुरूआत में आपको इसमें कोई मुश्किल नहीं आयेगी पर धीरे-धीरे यह काफी ऊबाउ काम साबित हो सकता है। ऐसे में आप इसे खुद से अपडेट होने वाले पेज की तरह भी बना सकते हैं। 

ऑटो अपडेट साइटमैप पेज बनाना सीखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

कॉन्टेक्ट अस

जहां तक कॉन्टेक्ट अस पेज की बात है, आप इसके लिए एक इमेल आईडी बना लें। यह इमेल आईडी आपके ब्लॉग के नाम/यूआरएल से मेल खाती हुई हो तो अच्छा होगा। उदाहरण के लिए - हमारे धार्मिक ब्लॉग 'येसु मसीह में नया जीवन', जिसका यूआरएल https://www.eternallifeinjesuschrist.co.in है, उसके लिए हमने eternallifeinjesuschrist@gmail.com नाम की जीमेल आईडी बनायी है। आप चाहें तो गूगल फॉर्म और गूगल शीट का इस्तेमाल करके इस पेज को और बेहतर बना सकते हैं।

कॉन्टेक्ट अस पेज को गूगल फॉर्म और गूगल शीट की मदद से तैयार करने के बारे में जानकारी हमारे ब्लॉग के ‘गूगल वर्कस्पेस’ सेक्शन में मेरी मित्र और इस ब्लॉग की अतिथि लेखिका एंजेला डिकॉस्टा द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। आप यहाँ क्लिक करके इसके बारे में पढ़ सकते हैं।

सही थर्ड पार्टी कस्टम थीम का चुनाव फ्री में कैसे और कहाँ से करें? 

दोस्तों यदि आपके पास एचटीएमएल, सीएसएस, जावास्क्रिप्ट आदि की अच्छी जानकारी है तो आप ऊपर बताये गये सभी काम बड़ी ही आसानी से खुद से कर सकते हैं। यदि आपके पास जानकारी नहीं है तो आप अपने किसी ऐसे दोस्त की मदद ले सकते हैं जिसके पास इसकी जानकारी है। यदि आपके पास यह दोनों ही विकल्प नहीं हैं तब भी आपके पास एक तीसरा रास्ता है जिसे थर्ड पार्टी थीम/टेम्पलेट कहते हैं।

हमने आपको ऊपर जो कुछ भी बताया उसके आधार पर आप यह सोच रहे होंगे कि यह तो काफी मुश्किल काम है। यदि ऐसा है तो हम आपको बता दें कि अपनी ब्लॉग के लिए अच्छी थीम चुनना बहुत बेहद आसान काम है। कई सारे थीम डेवलपर इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उपर बतायी गयी बातों को ध्यान में रखते हुए थीम बना रहे हैं। इनमें से कई डेवलपर की थीम फ्री में उपलब्ध हैं। ये लोग थीम में बकायदा विज्ञापन लगाने की भी जगह छोड़ते हैं और वर्तमान में मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल के कारण प्रायः हर थीम रिस्पॉन्सिव होने लगी है। इसका मतलब यह है कि आपकी स्क्रीन साइज़ के हिसाब से थीम एडजेस्ट हो जाएगी।

आपको इसके लिए भी चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। आपको बस गूगल में “फ्री रिस्पॉन्सिव ब्लॉगर थीम” या “फ्री ब्लॉगर थीम” लिखकर सर्च करना है और आपके सामने फ्री थीम्स का संसार आ जायेगा।

जब आप “फ्री रिस्पॉन्सिव ब्लॉगर थीम” लिखकर सर्च करेंगे तो आप सर्च रिजल्ट में कई सारी साइटों के बीच गुयाबीटेम्प्लेट नाम की एक साइट भी पाएंगे। हम अपने ब्लॉग्स के लिए इसी साइट से थीम डाउनलोड करते हैं। हम इस साइट को प्राथमिकता इसलिए देते हैं क्योंकि यहां आपको ब्लॉगर थीम्स कई श्रेणियों में बंटी हुई मिलेंगी जैसे - स्टाइल, ब्लॉग टॉपिक, फीचर्स आदि। यहां आपको ब्लॉग टॉपिक में जाना है और जिस किसी भी टॉपिक पर आपका ब्लॉग है उस टॉपिक पर या उससे मिलते जुलते टॉपिक पर जाकर आप थीम्स पसंद कर सकते हैं। ध्यान दें कि यह किसी प्रकार का प्रमोशन या एफिलिएट सुझाव नहीं है। हमें जो अच्छा लगा उसे आपके साथ शेयर किया है। आप किसी अन्य साइट से भी थीम डाउनलोड कर सकते हैं। आप कहीं से भी थीम डाउनलोड करें पर उनको अपने ब्लॉग में अपलोड करने का तरीका एक ही है।

ब्लॉग के प्रकार के आधार पर आप इस प्रकार के थीम्स पा सकते हैं - यदि आपने गानों की लिरिक्स का ब्लॉग बनाया है तो इसके लिए लिरिसिस्ट नाम का थीम आपको यहां मिल जाएगा। इस थीम में आपके हर पोस्ट पर, जिसमें आप गानों की लिरिक्स डालेंगे, एक कॉपी बटन खुद ब खुद आ जाएगा जिसके इस्तेमाल से आपके विजिटर्स आसानी से आपके ब्लॉग से लिरिक्स कॉपी कर सकते हैं।

आप लिरिसिस्ट थीम का प्रयोग मोटिवेशन और व्हाट्सएप्प स्टेटस के ब्लॉग पर भी कर सकते हैं या फिर किसी धार्मिक ब्लॉग में भी जहां आप अपने विजिटर्स को अपने ब्लॉग से कुछ कॉपी करने का विकल्प देना चाहते हैं। धार्मिक ब्लॉग की दशा में जहां धार्मिक ग्रंथों से कुछ पद शेयर करने की बात आती है वहां इस थीम का यह फीचर काफी काम आ सकता है। दूसरे शब्दों में, हर उस ब्लॉग में, जहां आप अपने विजिटर को कुछ कंटेंट कॉपी करने की अनुमति देना चाहते हैं, लिरिसिस्ट थीम काम में ले सकते हैं।

इसी प्रकार डाउनलोड नाम का एक दूसरा थीम है जो आपके ब्लॉग को एक मूवी वेबसाइट का लुक देता है। इस थीम का प्रयोग आप मूवी रिव्यू और स्टोरी एक्सप्लेन ब्लॉग बनाने में कर सकते हैं। किसी गेमिंग वेबसाइट पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। यह आपके ब्लॉग को काफी यूनिक लुक देता है। हमारी सरकारी नौकरी की वेबसाइट पर हमने ‘रिजल्ट्स’ नामक थीम का प्रयोग किया है और इस वेबसाइट पर ‘अल्ट्रामैग’ नामक थीम का प्रयोग किया है। ये दोनों ही थीम्स सोरा टेम्प्लेट्स के द्वारा बनायी गयी हैं और कस्टमाइज़ करने में काफी आसान होने के साथ-साथ रिस्पॉन्सिव और आकर्षक भी हैं।

थीम्स की इन वेबसाइट पर प्रिव्यू का विकल्प होता है जिसका इस्तेमाल करके आप इन थीम्स को देख सकते हैं। आप यहां यह देख सकते हैं कि यह आपके ब्लॉग पर कैसा लगेगा। यहां आपको कुछ डम्मी पोस्ट्स के साथ थीम का पूरा लुक दिखाया जाता है जिससे आप यह तय कर सकें कि थीम को अपने ब्लॉग में लगाने के बाद अपने किस विषय को किस जगह पर सेट करना है।

जब आप किसी थीम से पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएं तो उसे फ्री डाउनलोड के विकल्प से डाउनलोड कर लें। यह आपके सिस्टम में विनजिप फॉर्मेट (रैर फाइल) में डाउनलोड हो जाएगी और इसका साइज प्रायः 1 एमबी से कम ही होता है। किसी थीम के फ्री और पेड वर्ज़न में ज्यादा अंतर नहीं होता है। पेड वर्ज़न में जहां आपको डेवलपर की ओर से एक्सपर्ट सपोर्ट और कस्टमाइजेशन का विकल्प मिलता है और आप थीम के बिलकुल निचले हिस्से में दिये गये डेवलपर क्रेडिट को हटवा सकते हैं वहीं फ्री वर्ज़न में आपको ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं।

कस्टम थीम चुनने से पहले ध्यान देने वाली कुछ जरूरी बातें :-

चाहे आप कहीं से भी, किसी भी साइट से कस्टम थीम डाउनलोड करें पर ऐसा करने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
1) आपको हमेशा लेटेस्ट थीम ही डाउनलोड करनी है।
2) थीम एसईओ फ्रेंडली है या नहीं यह जरूर चेक करें।
3) आजकल जो भी थीम बनकर आ रही हैं उनमें पूरी प्लानिंग के साथ जगह-जगह पर एडसेंस के लिए जगह छोड़ी जाती है। आप यह देख लें कि जो थीम आप डाउनलोड कर रहे हैं उसमें ऐसा है या नहीं।
4) आपकी थीम पूरी तरह से रिस्पॉन्सिव होनी चाहिए। इसका मतलब है कि इसका लेआउट स्क्रीन साइज़ के हिसाब से खुद ब खुद सेट हो जाना चाहिए।
5) थीम ईज़ी टू कस्टमाइज़ होनी चाहिए।

दोस्तों, कस्टम थीम को अपलोड करने के बाद बारी आती है उसे अपनी जरूरत और ब्लॉग के विषय के अनुरूप कस्टमाइज़ करने की। यह पोस्ट चूँकि काफी लंबी हो गयी है इसलिए कस्टम थीम को अपनी जरूरत के हिसाब से तैयार करने के बारे में हम अपनी अगली पोस्ट में बताएंगे।

तो दोस्तों! यह थी हमारी आज की पोस्ट जिसमें आपने अपने ब्लॉग को प्रोफेशनल लुक देने के जरूरी स्टेप्स के बारे में जाना। अगर इस बारे में आपके मन मे अब भी कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिख दें या “हमसे संपर्क करें” पेज पर विवरण भर कर हमें सेंड करें। आपको आपके सवाल का जवाब ज़रूर मिलेगा। हमारी अगली ब्लॉगिंग ट्यूटोरियल पोस्ट में आप स्टेप बाई स्टेप जानेंगे कि किस तरह से आप अपने ब्लॉग में डाली गयी कस्टम थीम को अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। 

हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इससे आपको ज़रूर मदद मिली होगी। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें और अपने सवाल हमे कमेंट कर सकते हैं।

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